देहरादून: जिला टास्क फोर्स को बालश्रम करते मिले एक 13 साल के बच्चे ने आपबीती बताई। कहा कि वह अपनी मर्जी से काम कर रहा है, जिसके पीछे एक वजह है।

मेरी मां को कैंसर है। मुझे मां के इलाज के लिए पैसे जुटाने हैं। मेरे पिता और दोनों भाई भी मजदूरी करते हैं। मां ठीक हो जाएं तो हम काम करना छोड़ देंगे। ये आपबीती बताई है शुक्रवार को पेट्रोल पंप पर बालश्रम करते मिले एक 13 साल के बच्चे ने। जिला टास्क फोर्स ने बच्चे को रेस्क्यू कर पेट्रोल पंप मालिक के खिलाफ एफआईआर की है।राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बालश्रम के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को जिला टास्क फोर्स देहरादून (श्रम विभाग, एएचटीयू, चाइल्ड हेल्पलाइन डीसीपीयू, समर्पण सोसाइटी, आसरा ट्रस्ट, बचपन बचाओ आंदोलन उत्तराखंड और स्थानीय पुलिस) के सहयोग से नेहरू कॉलोनी में अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत दुकानों व अन्य जगहों पर काम करने वालों बच्चों की खोज हुई। इस दौरान देखने को मिला कि नेहरू कॉलोनी के थाना क्षेत्र में एक 13 साल का बच्चा पेट्रोल पंप पर काम करता पाया गया। बच्चे को रेस्क्यू कर मेडिकल परीक्षण के बाद बालक को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल ने बताया कि सीडब्ल्यूसी के सामने बालक ने बताया कि वह नत्थनपुर का रहने वाला है। उसकी मां को कैंसर है। ऐसे में मां की दवाई का खर्च चल रहा है। यहां पर वह अपनी इच्छा से काम करने आया है, क्योंकि उसे अपनी मां का इलाज करवाना है। इलाज चल रहा है। उसके पिता और दोनों भाई भी मजदूरी करते हैं। सीडब्ल्यूसी ने काउंसलिंग के बाद बच्चे को परिजनों को सौंप दिया है।

 

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