हरिद्वार:- अवैध खनन पर कार्रवाई न करने के मातृसदन के आरोपों पर जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई का हिसाब जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि आठ माह में 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कहा है कि चंडी घाट पुल के नीचे होने वाला खनन नहीं है, बल्कि ड्रेजिंग से आपदा बचाव और पर्यावरणीय संतुलन बनाने का प्रयास है।
उपजिलाधिकारी अजय वीर सिंह और जिला खनन अधिकारी काजमी रजा की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि चंडीघाट पुल के नीचे गंगा नदी में बाढ़ से बचाव और पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित करने के लिए रिवर ड्रेजिंग नीति-2021 के तहत किए जा रहे कार्यों पर आधारित है। साथ ही कुछ व्यक्तियों और संस्थाओं की ओर से इन आवश्यक कार्यों का निहित स्वार्थों के तहत विरोध करने और भ्रम फैलाने पर भी स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है। बताया कि गंगा नदी में रिवर ड्रेजिंग का कार्य दिनेश चंदोला आदि आरआइटी याचिकाओं में न्यायालय की ओर से दिए गए आदेशों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसमें सभी तकनीकी और पर्यावरणीय मानकों का पालन किया गया है।
कहा है कि रिवर ड्रेजिंग नीति-2021 का उद्देश्य गंगा और अन्य नदियों के प्रवाह को सुचारु बनाना, कटाव और बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना, सिल्ट और अवरोध हटाकर नदियों को चैनलाइज करना है। इससे न केवल गंगा का प्रवाह बेहतर होता है, बल्कि, शासन को राजस्व की प्राप्ति होती है। राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं में उप खनिजों की आपूर्ति भी सुनिश्चित होती है।
कहा कि अवैध खनन के खिलाफ शासन की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक सख्त कार्रवाई की गई है। जिसमें 138 स्टोन क्रशरों पर 10 करोड़ 2000 रुपये का अर्थदंड, अवैध खनन करने वालों और भंडारण पर 161 प्रकरणों में 14 करोड़ 13 लाख 42 हजार रुपये का जुर्माना, 276 वाहनों से 92 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।