निशांत चौधरी

हिंदू धर्म में माघ मास   का बड़ा महत्व है और इस पूरे महीने पवित्र स्नान किया जाता है जिसे माघ स्नान कहते हैं। इसके लिए गंगाजी के किनारे भक्तगण डेरा जमाकर रहते हैं और स्नान-दान करते हैं। वहीं माघ मास का अंतिम दिन होता है माघ पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा को भी स्नान-दान किया जाता है साथ ही इस दिन कल्पवास का भी अंतिम दिन होता है।

इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। माघ पूर्णिमा के दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए। कहते हैं कि माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है।

माघ पूर्णिमा जिसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है, इस दिन स्नान-दान के साथ ही पूजा-पाठ भी किया जाता है। इस बार माघ मास की पूर्णिमा तिथि 26 फरवरी से आरंभ हो रही है, पूर्णिमा की तिथि का समापन 27 फरवरी को होगा।

माघ पूर्णिमा शुभ मुहू्र्त

पूर्णिमा तिथि आरंभ: 26 फरवरी को 15 बजकर 50 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 27 फरवरी को 13 बजकर 45 मिनट

उदया तिथि के हिसाब से 27 फरवरी शनिवार को ही माघ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा और इसी दिन पावन स्नान भी किया जाएगा। जो पूर्णिमा व्रत रखकर चन्द्रमा को अर्घ्य देते हैं, उन्हें पूर्णिमा व्रत 26 फरवरी 2021 शुक्रवार को ही रखना चाहिए और भगवान सत्य नारायण की पूजा कथा भी 26 फरवरी को ही करनी चाहिए। किन्तु पूर्णिमा का पुण्यकाल का स्नान 27 फरवरी को करना चाहि

हम जानते ही हैं कि माघ पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और फिर उसके बाद दान करते हैं। पर आखिर इस दिन पवित्र स्नान क्यों किया जाता है और क्या है इसका महत्व? तो माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी वजह से माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं।

माघ पूर्णिमा को बेहद पवित्र दिन माना जाता है और कहते हैं कि इस दिन धार्मिक कार्यों का शुभ फल तुरंत मिलता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रात: काल स्नान करने से रोगों का नाश होता है। दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन की जाने वाली पूजा से देवताओं का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है। वहीं ऐसा भी माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शास्त्र कहते हैं कि पूर्णिमा पर घर में विशेष तौर पर भगवान सत्यनारायण की पूजा करना चाहिए जिसका शुभ फल मिलता है। वहीं माघ पूर्णिमा का तो खास महत्व है  इस दिन घर में पूजा और सत्यनारायण की कथा आयोजित करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में खुशहाली बनी रहती है। इसके साथ ही गीता और रामायण का पाठ भी शुभ फलों में वृद्धि करने वाला माना गया है। धार्मिक आयोजन करने से घर के सदस्यों की तरक्की होती है। एक सुखद वातावरण का निर्माण होता है। दांपत्य जीवन में भी सुख-शांति बनी रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *