निशान्त चौधरी
हरिद्वार गंगा तट पर माघ पूर्णिमा में स्नान हेतु जुटने वाली तीर्थ यात्रियों की लाखों की भीड़ को संभालने का कार्य प्रशासन के लिए हमेशा ही चुनौती पूर्ण रहता है परन्तु कुम्भ के समय यह चुनोती कई गुना बढ़ जाती है, हालांकि कुंभ के समय प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन होते हैं, फिर भी भीड़ उसी अनुपात में अधिक बढ़ जाती है,
और वर्ष की भांति इस बार का माघ पूर्णिमा का स्नान कोरोना महामारी के कारण अलग रहा, जंहा तीर्थयात्रियों को अलग अलग जांच से होकर गुजरना पड़ा वंही भीड़ न होने देने की प्रशासन की सख्ती के चलते भी तीर्थ यात्री ओर व्यापरियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा,
हालांकि यह स्नान कुम्भ की तैयारी में लगे प्रशासन के लिए एक अनुभव के रूप रणनीतियों की आजमाइश के रूप सुनहरा अवसर बनकर आया है और प्रशासन इसमें बहुत हद तक कामयाब भी रहा,
आईजी मेला संजय गुंज्याल ने बताया कि मेले को लेकर यातायात प्लान पहले से ही तैयार थे हमने विभन्न राज्यों से आने वाली भीड़ को अलग अलग यातायात प्लान द्वारा पहले से निश्चित पार्किंग में पंहुचाया ओर वँहा से आने वाली भीड़ को नजदीकी गंगा घाट पर पर पँहुचगया, हरकीपौडी पर दबाव कम रहे तो उसके लिए बेरिकेडिंग की व्यवस्था बना कर दूसरे घाटों पर भीड़ को डाइवर्ट किया गया, सभी रास्तो पर पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था थी, कंही भी जाम की स्थिति नही बनी और न ही कोई अप्रिय घटना हुई,
मेलाधिकारी दीपक रावत अपनी टीम के साथ मेला प्रबन्ध का जायजा लेते रहे और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश देते रहे, उन्होंने कहा कि सब व्यवस्थायें पूर्ण रूप से कंट्रोल में है,
हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जानकारी दी कि लगभग 7 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने माघ पूर्णिमा स्नान किया,कंही भी कोई अप्रिय घटना नही घटी,सभी व्यवस्थायें दृढ़ता से कार्य कर रही है, जिला प्रशासन और मेला प्रशासन के अधिकारी पूर्ण तालमेल बनाये हुऐ है
उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच के लिए 40 टीम बनाई गई ओर थर्मल स्कैनर के साथ 70 टीम बनाई गई थी, जिन्होंने लगभग 26हजार व्यक्तियों की जांच की जिसमे 15 लोग पॉजिटिव पाए गए जिनको कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए हॉस्पिटल भेज दिया गया,
कुम्भ से पहले माघ पूर्णिमा का स्न्नान मेला प्रशासन के लिए बहुत कुछ अनुभव देकर गया होगा, जो आगामी कुम्भ में प्रशासन को रणनीतिक रूप से मजबूती देगा अवश्य ही यह स्नान प्रशासन के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा होगा
जंहा तक व्यापार के विषय मे कहे तो यह स्न्नान व्यापारियों के लिए बहुत लाभप्रद नही रहा, भीड़ को शहर से दूर रखकर व्यवस्था को चरमराने से बचाने में प्रशासन बखूबी कामयाब तो रहा परन्तु पहले से ही महामारी के चलते मंदी से जूझ रहे व्यपारियो के लिए हताशा भरा रहा,ओर आगामी कुम्भ की समय सीमा सीमित होने के चलते स्थानीय व्यापारियों में चिंता भी बनी हुई है,
