8 मार्च 2022 से आम लोगों की जेब पर डाका डलने वाला है। क्योंकि 8 मार्च के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में आग लगने वाली है, क्योंकि 8 मार्च से पेट्रोल डीजल के दामों में 25 रुपये प्रति लीटर तक का इजाफा हो सकता है। वो इसलिए क्योंकि रुस और यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 14 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के तहत आखिरी दौर का मतदान 7 मार्च को खत्म होने जा रहा है। जिसके बाद सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने की हरी झंडी दे देगी जिसके बाद तेल कंपनियां दाम बढ़ाना शुरू कर देंगी।
अनुमान है कि पेट्रोल डीजल के दाम फिर से हर रोज दैनिक आधार पर बढ़ सकती हैं। कच्चे तेल के दामों में हर एक डॉलर की बढ़ोतरी होने पर सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दामों में 40 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ाती हैं। एक दिसंबर 2021 को 68 डॉलर प्रति बैरल के न्यूनत्तम स्तर तक छूने के बाद से कच्चा तेल अब 139 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुका है। यानि 69 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा कच्चा तेल पिछले करीब 97 दिनों में महंगा हो चुका है। 5 डॉलर तक कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बाद 2 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल महंगा होता है। अगर रुपये के मुकाबले डॉलर में आई कमजोरी को भी जोड़ ले तो इस हिसाब से सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने की पेट्रोल डीजल के दामों को करीब 25 रुपये प्रति लीटर तक कम से कम बढ़ाने होंगे साफ है कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारतीयों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है। जो खपत के लिए आयात पर निर्भर है। भारत अपने ईंधन खपत का 80 फीसदी आयात करता है।
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