हरिद्वार।
संस्कृत के प्रकांड विद्वान एवं श्री भगवानदास आदर्शसंस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर निरंजन मिश्रा को संस्कृत भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वाराणसी की प्रसिद्ध संस्था सार्वभौम संस्कृत प्रचार संस्थानम ने काव्य कल्पवल्ली सम्मान से सम्मानित किया।

गौरतलब है कि गुरुवार, 26 मई को सार्वभौम संस्कृत प्रचार संस्था की ओर से ऑनलाइन आयोजित एक विशिष्ट कार्यक्रम में हरिद्वार उत्तराखंड में स्थित श्रीभगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के सहाचार्य डॉक्टर निरंजन मिश्रा को काव्यकल्पवल्ली सम्मान से सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रो. रमाकांत पांडे ने कहा कि संस्कृत के प्रकांड विद्वान वासुदेव दिवेदी शास्त्री की स्मृति में यह सम्मान प्रदान किया जाता है। डाक्टर निरंजन मिश्रा की अनावरत साहित्य साधना के परिणामस्वरूप उनको यह सम्मान दिया गया है।

संस्कृत की विभिन्न विधाओं में डॉक्टर ने अपनी रचना से संस्कृत के प्रचार प्रसार में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सभा के मूल उद्देश्य एवं परम आदरणीय स्मरणावेश पंडित प्रवर वासुदेव द्विवेदी शास्त्री के चिंतन का विवेचन करते हुए बताया कि डॉ निरंजन मिश्र जैसी व्यक्ति वास्तव में संस्कृत साहित्य की जन जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। दिवेदी के उद्देश्यों को पूरा करने में सहयोग कर रहा है। इसी प्रकार संस्कृत के विकास और प्रसार के लिए दिन-रात कार्य करते रहे हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर सुधारानी पांडे ने पंडित वासुदेव द्विवेदी शास्त्री के लक्ष्य को विवेचित करते हुए बताया कि वर्तमान समय में अपनी लेखनी से संस्कृत जगत को नित्य नवीन उपहार प्रस्तुत करने वाले व्यंजन सम्मान प्रदान किया जाना वास्तव में सम्मान के गौरव को बढ़ाने वाला है।

वस्तुत सम्मान का पात्र वही है जो अपने कार्यों से समाज को एक नई दिशा देने में समर्थ हो। समाज की अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करने वाला हो। डॉ मिश्रा की सभी रचनाएं एक सामाजिक मूल्य को चरित्र चरित्र से लड़ने के लिए काम आती है। सामान को ध्यान में रखते हुए इसका साहित्य वास्तव में परम उपयोगी है। ज्ञान का प्रचार करती है। धर्मदत्त चतुर्वेदी ने मिश्रा के सम्मान में अभिनंदन पत्र का वाचन किया।‌ऑनलाइन कार्यक्रम में डॉ वाचस्पति मिश्रा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ प्रोफेसर रमाकांत पांडे केंद्रीय संस्कृत विद्यालय जयपुर परिसर प्रोफेसर धर्म दत्त चतुर्वेदी तिब्बती विश्वविद्यालय सारनाथ वाराणसी डॉक्टर संपदानंद मिश्र ऋषि कुल संस्कृत विश्वविद्यालय हरियाणा शंभू प्रसाद त्रिपाठी सरदिंदु त्रिपाठी डॉ चंद्रकांत दत्त शर्मा गोहना मऊ अरविंद तिवारी बागपत उत्तर प्रदेश डॉक्टर शैलेश कुमार तिवारी उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार डॉ राजेंद्र त्रिपाठी इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज उत्तर प्रदेश आदि उपस्थित रहे। इस सभा की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर सुधारानी पांडे, भूतपूर्व कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने और संचालन डॉ शरदिन्त्रिदु त्रिपाठी ने किया।‌

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