हरिद्वार।

रिपोर्ट मुकेश राणा

तीर्थनगरी की लगातार बिगड़ती, लड़खड़ाती एवं लचर व्यवस्थाओ के लिए आखिर कौन है जिम्मेदार?
यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है। पवित्र तीर्थनगरी हरिद्वार जो धार्मिकता के क्षेत्र में अपना विशेष स्थान रखती हैं और प्रतिदिन हजारों लाखों की संख्या में यहां देश-विदेश एवं अन्य राज्यों से भक्त एवं श्रद्धालु आते हैं परंतु इन दिनों शहर की व्यवस्थताएं बदहाल है। यहां सब कुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है। तीर्थनगरी इन दिनों बड़ी ही दयनीय स्थिति से गुजर रही हैं।शहर की बदहाल व्यवस्थाओं पर समाज सेवी एवं वरिष्ठ आम आदमी पार्टी नेता अधिवक्ता सचिन बेदी का आलेख।

 

केस न० 1.………..सही ट्रेफिक प्लान लागू ना होने तथा उचित वाहन पार्किंग स्थल की व्यवस्था ना होने के कारण शहर में जाम की समस्या आम बात हो गई हैऔर जिसकी कोई सुध लेने वाला भी नहीं है। जिसका खामियाजा शहर की जनता और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ता है। प्रमुख स्नान पर्वों और वीकेंड पर भारी मात्रा में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं एवं यात्री वाहनों तथा बैट्री रिक्शाओ के कारण शहर में जाम की जो स्थिति बनती हैं उससे कोई अंजान नहीं है,परंतु प्रशासन उससे अंजान बना हुआ है और इस संबध में कोई भी उचित निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं। कभी-कभी तो यहां वाहन लेकर निकलना तो दूर की बात है पैदल चलना भी बड़ा मुश्किल हो जाता है।यातायात नियमों का सुचारु रूप से क्रियान्वयन एवं सही प्रकार से पालन न करवा पाना भी जाम लगने की एक प्रमुख वजह है।लाखों लोगों की भीड़ और हजारों की संख्या में वाहनों को नियंत्रित करते न तो कोई ट्रेफिक पुलिसकर्मी और न ही कोई संबंधित अधिकारी ही नजर आता है।जबकि शहर में बढ़ती हुई भीड़ एवं प्रमुख स्नानो को देखते हुए प्रशासन द्वारा अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाना चाहिए,परंतु ऐसा नहीं किया गया। यह एक अति महत्वपूर्ण एवं विचारणीय बिंदु हैं।

 

केस नo 2:-………. गंगा घाटों पर लगे कूड़े के ढेर और इधर उधर फैली गंदगी अपनी बदहाली की दस्ता खुद बयां कर रही है। यहां ना तो कोई सफाईकर्मी और ना ही कोई कूड़ेदान नजर आता है। नजर आता है तो हर तरफ कूड़े और गन्दगी के ढेर। प्रशासन का पॉलिथीन मुक्त शहर होने का दावा भी यहां हवा हवाई साबित होता नजर आता है। पॉलिथीन मुक्त होने का दावा करने तथा प्रतिबंधित होने के बावजूद भी गंगा घाटों पर पन्नी की चटाई एवं प्लास्टिक का अन्य सामान बेरोक टोक धड़ल्ले से बिक रहा है ये चटाइयां ही घाटों पर गन्दगी का मुख्य स्त्रोत हैं।परंतु इनकी बिक्री पर भी रोक लगाने वाला कोई नहीं है।

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केस नo3:-……….हरिद्वार के ब्रह्मपुरी मौहल्ले की ओर से नाले से लगातार गंदे पानी और उसमें पड़ी गंदगी का मुख्य मार्ग पर रिसाव हो रहा है जिसे दो सप्ताह से अधिक का समय हो चुका है। परंतु इस ओर कोई ध्यान संबंधित विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है।यह मार्ग लोगों के आवागम का मुख्य मार्ग है जिससे प्रतिदिन हजारों लाखों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है और यह मार्ग मां मनसा देवी मंदिर के लिए भी जाता है। नाले का गंदा पानी और उसकी गंदगी लोगों का मार्ग तो अवरुद्ध कर ही रहे है यह सीधा गंगा में जो कि भक्तों की आस्था का केंद्र है में ही जा रहे है। बदबूदार पानी और गन्दगी के बीच से होकर गुजरना लोगों के लिए बड़ा मुश्किल हो गया है। सफाईकर्मियों द्वारा इस समस्या के निदान का अपने स्तर से भरसक प्रयास किया गया परंतु समस्या विकट होने के कारण सफलता नहीं मिल सकी। संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसका आज तक कोई समाधान नहीं किया गया।

केस नo4:-…….. युवाओं में पनप रही नशे की लत भी एक गम्भीर विषय बनती जा रही है। धर्मनगरी में विभिन्न प्रकार के नशों का कारोबार दिन प्रतिदिन फल फूल रहा है कोई भी नशीली वस्तु यहां बड़ी आसानी से सुलभ है,परंतु प्रशासन उससे भी अंजान बना हुआ है और इस ओर कोई भी सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है और ना ही कोई कार्यवाही ऐसे लोगों के विरुद्ध की जा रही है जो नशे के अवैध कारोबार में लिप्त होकर तीर्थनगरी की मर्यादा भंग करने में लगे हुए हैं।

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केस नo5:-………. नगर निगम हरिद्वार में कुल ६० वार्ड है परंतु नगर निगम द्वारा यहां किसी भी वार्ड में कूड़ेदान की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है जिस कारण लोग खुले में कूड़ा डालने को मजबूर हैं।जिससे शहर में इधर उधर गन्दगी फैली रहती हैं। कूड़ा निस्तारण की भी बड़ी जटिल समस्या बनी हुई हैं उसकी भी नगर निगम द्वारा आज तक कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। मेला क्षेत्रो में अतिरिक्त सफाइकर्मचारियों की भी कोई व्यवस्था नहीं की जाती हैं।

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