बिजनौर
विधानसभा चुनाव 2022 में अनु0जाति के व्यक्ति का मतदाता सूची से नाम काटकर मताधिकार से वंचित कराने के मामले में धामपुर तहसील के तत्कालीन उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार के विरूद्ध विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी कोर्ट के आदेश पर धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 166, 167 व एससी/एसटी में थाना अफजलगढ में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
आपको बता दें कि 30 जुलाई को एससी/एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने धामपुर के तत्कालीन उप जिलाधिकारी विजय वर्धन तोमर और तहसीलदार रमेश चौहान के विरुद्ध अनुसूचित जाति के व्यक्ति पवन कुमार का विधानसभा चुनाव 2022 में वोट काटने के मामले में पुलिस को एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया था।
*पूर्व में मतदाता सूची में दर्ज था नाम*
दरअसल धामपुर विधानसभा के आलमपुर गांव मंडी निवासी पवन पुत्र कृपाल सिंह ने एडवोकेट शमशाद अहमद के माध्यम से विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी न्यायालय जनपद बिजनौर में 156 (3) में प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय में कहा था कि वह अनुसूचित जाति का है और विपक्ष गैर अनुसूचित जाति का है। पीड़ित का वोट विधानसभा चुनाव 2017, लोकसभा चुनाव 2019 और ग्राम पंचायत चुनाव 2021 में मतदाता सूची में नाम दर्ज था
*पद के गलत इस्तेमाल का लगाया आरोप*
पीड़ित पवन ने अपने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि तत्कालीन धामपुर एसडीएम विजय वर्धन तोमर और तहसीलदार रुपेश चौहान ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसका नाम जानबूझकर मतदाता सूची से काट दिया है और वह मतदान के संविधानिक अधिकार से वंचित रह गया।
प्रार्थना पत्र में पवन ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार जो उस समय निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी थे, उन्होंने आयोग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए उसका नाम मतदाता सूची से काटते हुए उसे मतदान से वंचित कर दिया।
पवन के वकील एडवोकेट शमशाद सैफ़ी ने बताया कि 30 जुलाई को विशेष न्यायाधीश ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार तथा अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर 3 दिन के अंदर आख्या प्रस्तुत करने का आदेश पुलिस को दिया था।