हरिद्वार:

जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक के प्रारम्भ में अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) प्यारे लाल शाह ने जिलाधिकारी को राजस्व मामलों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।

अधिष्ठान के अन्तर्गत लम्बित पेंशन प्रकरण के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पेंशन से सम्बन्धित जितने भी मामले हैं, उनका 15 दिन के भीतर निस्तारण करना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

जिलाधिकारी ने एक-एक करके सम्बन्धित क्षेत्र के अधिकारियों से राजस्व मामलों के सम्बन्ध में जानकारी ली। बैठक में तहसीलदार, सदर, हरिद्वार ने जिलाधिकारी को कुल कितने मामले दायर हुये, के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अविवादित के 609 मामले तथा विवादित के आठ मामले निस्तारित किये गये। इसी तरह तहसीलदार- रूड़की, लक्सर, भगवानपुर, नायब तहसीलदार- ज्वालापुर, मंगलौर, भगवानपुर आदि ने भी अपने-अपने यहां दायर मामलों के सम्बन्ध में विस्तार से जिलाधिकारी को बताया।

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विनय शंकर पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे, जो सबसे पुराने केस हैं, उनका प्राथमिकता से सबसे पहले निस्तारण करना सुनिश्चित करें तथा इसी अनुसार जितने भी मामले हैं, उनके निस्तारण की प्राथमिकता निश्चित करें।
जिलाधिकारी ने बैठक में चकबन्दी अधिकारियों से भी दायर मामलों के सम्बन्ध में जानकारी ली। चकबन्दी अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के कारण जिस गति से मामले निस्तारित होने चाहिये थे, वे निस्तारित नहीं हो पाये। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट करते हुये कहा कि आप साप्ताहिक बैठक लेंगे तथा उसके मिनट्स मुझे प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

राजस्व संग्रह के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व वसूली भी मुख्य मुद्दा है। उन्होंने कहा कि वसूली की स्थिति ठीक नहीं चल रही है तथा खर्च के मुकाबले वसूली कम हो रही है। इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न पट्टों-कृषि के लिये भूमि आवंटन, आवासीय प्रयोजन, मत्स्य पालन, वृक्षारोपण तथा कुम्हारी कला आदि पट्टों के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

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बैठक में फौजदारी, स्टाम्प केसेज, लम्बित सन्दभर्, मजिस्ट्रेटी जांच, 10 बड़े बकायेदारों के मामले, वाहन दुर्घटना से सम्बन्धित जांच, जन शिकायतों का निस्तारण, अनिवार्य सेवा निवृत्ति आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार विमर्श हुआ।
समीक्षा बैठक में एस0डी0एम0, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, चकबन्दी अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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