हरिद्वार।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में इको फ्रेंडली दिवाली मनाई गयी। शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर को प्राकृतिक रंग एवं गुलाल से आर्कषक ढंग से सजाया गया था, तो वहीं पर्व का मुख्य कार्यक्रम सत्संग हाल में दिव्य दीपमहायज्ञ के साथ हुआ।
गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैल दीदी ने बही खाता का पूजन किया।
इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि दिवाली के अवसर पर प्रज्वलित होने वाला दीपक हम सभी को प्रकाशित होने का संदेश देता है। वे अपने भीतर के तेल (स्नेह) की एक-एक बंूद जलाकर जग को प्रकाशित करते हैं।
उन्होंने कहा कि उसी मनुष्य का जीवन धन्य है, जिसका तन, मन, धन केवल अपने लिए ही नहीं, वरन् सारे समाज को प्रेरणा प्रकाश देने में लग जाये। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि बाहर व भीतर से पवित्र (सफाई) होने पर लक्ष्मी विराजती है। संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि खर्चीलेपन की आदत को मिटाने के संकल्प के साथ दीपोत्सव मनाना चाहिए।
इससे पूर्व संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी व श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने पर्व पूजन किया तथा वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं लेखा विभाग प्रभारी हरीशभाई ठक्कर ने बही खातों का पूजन किया। इस अवसर पर वैदिक कर्मकाण्ड डॉ. गायत्री किशोर त्रिवेदी व जितेन्द्र मिश्र ने सम्पन्न कराया।
वहीं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर स्थित गौशाला में गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने गाय के संवर्धन एवं गौ उत्पाद को बढ़ाने पर बल दिया। गोवर्धन पूजा में शांतिकुंज, देव संस्कृति विवि, गायत्री तीर्थ में आये विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों के प्रशिक्षणार्थी आदि शामिल रहे।