भिवानी।
महिला स्वयं सहायता समूह दिशा ने स्थानीय राजीव गांधी राजकीय महिला महाविद्यालय में कैंटीन शुरु की है। यह प्रदेशभर में शायद पहली ऐसी कैंटीन है, जो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किसी शिक्षण संस्थान में स्थापित की गई है। दिशा नाम से शुरू की गई यह कैंटीन कॉलेज छात्राओं को चाय पिलाने के साथ-साथ उद्यमिता के लिए प्रेरित करेगी।
भले ही चाय बनाने का कार्य बड़ा व्यवसाय न हो, लेकिन यदि योजनाबद्ध ढंग से किया जाए जो यह छोटी-छोटी बचत से बड़ा रोजगार का रूप ले सकता है। इसी कड़ी में एक प्रयास उपायुक्त आरएस ढिल्लो द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए किया गया है। इसका पहला कदम सोमवार से राजीव गांधी राजकीय महिला कॉलेज से शुरु किया है। दिशा स्वयं सहायता समूह ने इस महिला कॉलेज में दिशा कैंटीन शुरु की है।
इस स्वयं सहायता समूह से करीब दस जरूरतमंद महिला जुड़ी हैं, जो इस कैंटीन में काम करेंगी। इस कैंटीन में छात्राओं के साथ-साथ स्टाफ सदस्यों को चाय, कॉफी, समोसा, बै्रड पकौड़ा व स्नेक्स आदि मिलेगा। यहां हम बताएं कि इस कॉलेज में करीब 3200 छात्राएं हैं।
उपायुक्त आरएस ढिल्लो के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी गौरव सिरोही ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने में मुख्य भूमिका निभाई है। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय आजीविका मिशन शहरी को देख रही एसएमआईडी की जिला प्रभारी ज्योति पांचाल ने महिला स्वयं सहायता समूह को इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया है।
इसके साथ-साथ कॉलेज प्राचार्य सुधीर शर्मा ने चाय कैंटीन की स्थापना के लिए दिशा समूह की महिलाओं का मनोबल बढोन का काम किया है और उनको कॉलेज में जगह उपलब्ध करवाई है।
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पांचाल ने बताया कि दिशा समूह में प्रधान कुसुमलता के साथ रेखा, हर्षलता, नीतू, कमलेश, मिनी, गीता, रीना, मिनी व सुनहरी आदि महिलाएं प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये सभी जरूरतमंद महिलाएं हैं, जिनको स्वरोजगार की जरूरत है।
पति किराए का ऑटो चलाता है: सुनहरी
स्वयं सहायता समूह सदस्य सुनहरी ने बताया कि उनका पति किराए का ऑटो चलाता है, जिससे मुश्किल से गुजर बसर होता है। उन्होंने बताया कि यह कैंटीन उनका परिवार चलाने में काफी मददगार साबित होगा।
घर की हालत बहुत कमजोर है: मिनी
स्वयं सहायता समूह सदस्य मिनी ने बताया कि उनके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। उनके घर की हालत बहुत कमजोर है। जिला प्रशासन के सहयोग से यहां पर जो कैंटीन शुरु करवाई गई है, इससे उनको बहुत मदद मिलेगी।
इस प्रकार शुरु कर सकती हैं महिला स्वरोजगार
महिला उत्थान एवं स्वरोजगार के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं शुरु की गई हैं। इनमें मुख्य रूप से स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उनको स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिलाया जाता है। स्वयं सहायता समूह महिलाओं को अचार बनाना, कुकिंग, सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, किरयाणा की दुकान और हथकरघा का प्रशिक्षण दिलाया जाता है। यह प्रशिक्षण एलडीएम कार्यालय के तहत और कृषि विज्ञान केंद्र में दिलाया जाता है।
भिवानी में ऐसे अनेक स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे हजारों की संख्या में महिलाएं जुडक़र स्वरोजगार कर रही हैं। इन महिलाओं को दो से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता के रूप में विभिन्न बैंकों से ऋण भी मुहैया करवाया जाता है, जिससे वे अपना रोजगार शुरु कर सकें।
एमएनएस कॉलेज में भी शुरु होगी महिला स्वयं सहायता समूह की कैंटीन राजीव गांधी महिला कॉलेज की तरह ही भिवानी में महाराजा नीमपाल सिंह कॉलेज में भी जीवन ज्योति स्वयं सहायता समूह द्वारा कैंटीन की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। यह कैंटीन सीमा कुमारी के नेतृत्व में चलेगी, जिसमें राजपति, संतोष व गीता प्रमुख रूप से कार्य करेंगी। इस कॉलेज में करीब पांच हजार विद्यार्थी हैं।
इस बारे में सीएमजीजीए गौरव सिरोही ने बताया कि महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने में किसी प्रकार की हिचक महसूस नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि किसी भी कॉलेज स्तर पर किसी स्वयं सहायता समूह द्वारा ऐसी कैटीन की यह अपने आप में अनूठी और नई शुरुआत है।