हरिद्वार।
गुरु कार्ष्णि घाट में पांच दिवसीय माँ बगलामुखी महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर बहुत बड़ी संख्या में संतो और भक्तगणों ने सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण और सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया। भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी डॉ अन्नपूर्णा भारती, महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद आचार्य, स्वामी अमृतानंद, स्वामी ललितानंद ,बलराम मुनि व योगी राजीव नाथ के पावन सानिध्य में हुए धर्म रक्षा के इस महायज्ञ में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
धर्म के लिये संत बलिदान नहीं देंगे तो कौन देगा- भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज
इस महायज्ञ में सबसे प्रमुख भूमिका परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित अधीर कौशिक व उनकी टीम की रही। महायज्ञ के पुरोहित पण्डित सनोज शास्त्री थे।
पूर्णाहुति के अवसर पर भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने कहा की सनातन धर्म की रक्षा का सबसे प्रमुख दायित्व संतो का है। धर्म के लिये संत बलिदान नहीं देंगे तो कौन देगा?
यहूदियों का अनुसरण इजरायल की तरह सनातन वैदिक राष्ट्र बनाये हिन्दू-यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज
उन्होंने यह भी कहा कि धर्म संसद के लिये जिस भी संत पर मुकदमा होगा, उसकी जमानत वो स्वयं करवायेगे क्योंकि वो जानते हैं कि सनातन धर्म खतरे में है और धर्म संसद में सन्तो ने बिल्कुल उचित बात उठाई है।
पूर्णाहुति के अवसर पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि माँ बगलामुखी महायज्ञ एक कल्पवृक्ष के समान है जिससे साधक की हर सात्विक मनोकामना पूर्ण होती है। सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना, सनातन धर्म की रक्षा और सनातन के शत्रुओं के विनाश के लिये माँ गंगा के पवित्र तट पर सम्पन्न हुआ महायज्ञ अवश्य ही शुभ और वांछित फलदायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि अब हिन्दुओ को यहूदियों से सबक लेकर इजरायल की तरह सनातन वैदिक राष्ट्र बनाना चाहिये जिसमें कोई मस्जिद, मदरसा और जिहादी न हो। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सौ करोड़ हिन्दुओ का अपना कोई देश नहीं है।इसी कारण प्रतिदिन हिन्दुओ पर तरह तरह के अत्याचार होते हैं और हिन्दू मौन रहकर सब कुछ देखता रहता है। अब हमें कुछ भी करके अपने पूर्वजों की गलती को सुधारना है और अपना सनातन वैदिक राष्ट्र बनाना ही पड़ेगा वरना धर्म और इतिहास हमे कभी क्षमा नही करेगा
उन्होंने परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक व उनकी पूरी टीम को इस आयोजन के लिए बहुत साधुवाद दिया जिनके कारण उन्हें ऐसी अपूर्व आध्यात्मिक ऊर्जा वाले क्षेत्र में यज्ञ आयोजित करने का सौभाग्य मिला।