लखनऊ
पीजीआई के माती इलाके में महिला सिपाही रुचि सिंह की हत्या कर नाले में शव फेंके जाने के मामले में पुलिस के हाथ कई सबूत लगे हैं। पुलिस के मुताबिक महिला सिपाही की दोस्ती आरोपित प्रतापगढ़ के रानीगंज के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से दो वर्ष पहले फेसबुक पर हुई थी। दोनों के बीच फेसबुक पर बातचीत होने लगी थी। इसके बाद दोनों ने मोबाइल पर बात करना शुरु कर दिया था। दोनों के बीच दोस्ती हो गई थी। दोस्ती प्यार में बदल गई थी। पुलिस के मुताबिक महिला सिपाही रुचि कई बार आरोपित तहसीलदार पद्मेश के सरकारी आवास पर मिलने के लिए भी गई थी। महिला सिपाही रुचि सिंह ने सिपाही नीरज से प्रेम विवाह किया था। पुलिस के मुताबिक महिला सिपाही के परिवारीजन इस शादी से खुश नहीं थे। कुछ दिनों बाद महिला सिपाही और उसके पति नीरज के संबंधों के खटास आ गई थी। बिजनौर निवासी भाई शुभम सिंह चौहान ने पुलिस को बताया कि वह 28 अगस्त 2021 को लखनऊ यूपी एसआई की परीक्षा देने आया था। तब बहन रुचि के साथ गोमतीनगर विस्तार स्थित सुलभ आवास में रुका था। उस समय बहन ने उसे बताया था कि वह पति नीरज को तलाक दे रही है। उसने तलाक फाइल भी कर दिया था। उसने भाई को तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव के बारे में भी बताया था।
काल डिटेल ने खोला राज
पुलिस ने शव की शिनाख्त होने के बाद रुचि के फोन की काल डिटेल निकलवाई थी। पड़ताल में सामने आया कि रुचि की आखिरी बार फोन पर पद्मेश से बात हुई थी। इसके बाद पुलिस टीम प्रतापगढ़ पहुंची और आरोपित को उसकी पत्नी व साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया। रुचि ने वर्ष 2019 में अंकित से प्रेम विवाह किया था। रुचि के बड़े भाई अंकित ने बताया कि उनकी बहन ने अपनी भाभी से फोन पर बात की थी। कुछ देर बाद फोन बंद हो गया था। अगले दिन घरवालों ने रुचि के साथ काम करने वाली महिला सिपाही को फोन कर उसके बारे में पूछा था। जानकारी न होने पर महिला सिपाही ने इंटरनेट मीडिया पर रुचि के लापता होने की पोस्ट डाली थी, जिसके बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आए थे। उल्लेखनीय है कि गुरुवार शाम को नाले में अज्ञात महिला का शव मिला था, जिसकी शनिवार को रुचि के रूप में पहचान की गई थी।
पुलिस के मुताबिक महिला सिपाही लगातार तहसीलदार पर शादी का दबाव बना रही थी। तहसीलदार ने शादीशुदा जिंदगी को बचाने और महिला सिपाही रुचि से पीछा छुड़ाने के लिए उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची। इसके बाद एक परिचित नामवर को हत्या करने के लिए अपने साथ शामिल किया। योजना के तहत 12 फरवरी को महिला सिपाही को घटनास्थल के पास मिलने के लिए बुलाया। अर्जुनगंज स्थित किराए के मकान से महिला सिपाही पीजीआई के पास पहुंची थी। इसके बाद उसे आरोपितों ने कार में बैठा लिया था। कार में ही रुचि को नशीला जूस पिला दिया। उसके बेहोश होने के बाद हत्या कर दी।
आरोपितों तहसीलदार पद्मेश और उसके साथी नामवर ने महिला सिपाही रुचि के शव को नाले में फेंक दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा तहसीलदार की पत्नी प्रगति को पुलिस ने साजिश रचने का आरोपित माना है। लिहाजा उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित तहसीलदार ने हत्या करने के बाद अपनी पत्नी को भी इस बारे में बताया था।वहीं, आरोपित नामवर ने पुलिस को बताया कि उसे आरोपित तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से एक काम था। इस लिए उनसे मिलने के लिए जाता था। आरोपित तहसीलरदार पद्मेश ने उसे लालच दिया था कि उसका काम कर देंगे। पर, उसे इसके बदले में सिपाही रुचि की हत्या में उनका साथ देना होगा।
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