चमोली, रैणी

रिपोर्ट – नवीन सिंह

रैणी गांव में हर साल की भांति इस साल भी धूमधाम से चिपको आंदोलन की नेत्री स्वर्गीय गौरा देवी की वर्षगांठ को मनाया गया।

आपको बता दें कि स्वर्गीय गौरा देवी का जन्म सन 1925 में उत्तराखंड के लाता गांव में भोटिया परिवार में नारायण सिंह के घर में हुआ था, इनकी शादी मात्र 12 वर्ष की उम्र में मेहरबान सिंह के साथ कर दी गई थी, जोकि नजदीकी गांव रैणी गांव के निवासी थे, आज रैणी गांव में स्वर्गीय गौरा देवी की 48 वी वर्षगांठ समारोह का कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।

सभी मुख्य अतिथियों ने सबसे पहले दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इस मौके पर सभी मुख्य अतिथि से लेकर पत्रकार बंधु एवं स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे। इस मौके पर सीमांत घाटी के दर्जनों गांव की महिलाओं ने इस कार्यक्रम में सुंदर पारंपरिक गीतों के साथ इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, स्थानीय महिलाओं ने सुंदर गढ़वाली गीतों के साथ नृत्य का आयोजन भी किया।

 

बड़ी बात तो यह है कि गौरा देवी की सखियों को भी बुला कर उन्हें भी फूल मालाओं के साथ उनका सम्मान बढ़ाया। 48 वी वर्षगांठ समारोह के कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण लोग मौजूद रहे। दूर दूर से आए स्थानीय ग्रामीण इस कार्यक्रम के साक्षी बने हुए हैं। हालांकि हर साल 26 मार्च को चिपको आंदोलन का वर्षगांठ इसी रैणी घाटी में मनाया जाता है। जो कि हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

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