उत्तराखण्ड।
उत्तराखण्ड विधानसभा सत्र की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायक किसको नेता प्रतिपक्ष चुनेगे, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उत्तराखण्ड में पर्वेक्षक के रूप में भेजे गए।
राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप दी है।उन्होंने कहा कि,” नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का विषय हाईकमान के विचाराधीन है। मैंने अपनी पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को दे दी है। उम्मीद है जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी।”
हाईकमान ने पांडे को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के लिए पर्यवेक्षक के रूप में भेजा था।
नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर कांग्रेस के सामने संवैधानिक बाध्यता है। 28 मार्च से वर्तमान विधानसभा का पहला सत्र प्रस्तावित है।
इस वक्त निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का नाम सबसे आगे हैं। लेकिन, इस बार धारचूला विधायक हरीश धामी खुलकर अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। उनके साथ ही पूर्व मंत्रिमंडल मंत्री यशपाल आर्य, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट का नाम भी चर्चा में है।
सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है कि भाजपा के द्वारा विधान सभा अध्यक्ष पद पर महिला की नियुक्ति का कार्ड खेलने के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री की पुत्री अनुपमा रावत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया जा सकता है। राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर में उनका पक्ष कुछ बिंदुओं पर मजबूती प्रदान करता है जंहा उन्होंने धामी कैबिनेट के कद्दावर मंत्री को हराया वंही अनुपमा उत्तराखंड सहित राष्ट्रीय स्तर पर प्रियंका की महिला टीम का सक्रिय चेहरा हैं जिस प्रकार अपनी विधानसभा हरिद्वार ग्रामीण के ताजा प्रकरण में उन्होंने जुझारू तेवर दिखाते हुए अपने समर्थकों सहित गांधी की तस्वीर के साथ धरना प्रदर्शन कर धामी प्रशासन को घुटने टेकने पर मजबूर किया उसकी गूंज दिल्ली तक पँहुची है, कोई आश्चर्य नही की अनुपमा का नाम नेता प्रतिपक्ष के रूप में सभी को चोंका दे।
साथ ही सूत्रों से जानकारी मिली है कि उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर भी नेतृत्व विचार कर रहा है जैसा कि ज्ञात है 15 मार्च को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस्तीफा दे दिया था।
उनके साथ ही कार्यकारिणी भी निष्प्रभावी हो गई है। काफी दिनो से कांग्रेस में असमंजस की स्थिति है। प्रदेश अध्यक्ष के लिए खटीमा विधायक भुवन कापड़ी, यशपाल आर्य, मनोज तिवारी के नाम की चर्चा भी की जा रही है। कुमाऊं के ब्राह्मण नेताओं में फिलहाल भुवन का नाम आगे हैं।
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