सहरसा।

स्वास्थ्य विभाग नियमित टीकाकरण के शत् प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए आशा कार्यकर्त्ताओं द्वारा अपने पोषक क्षेत्र का सर्वे करते हुए गर्भवती माताओं एवं 0 से 5 साल तक कोटिवार बच्चों की सूची तैयार की जानी है। जिसे हेड काउण्ट सर्वे का नाम दिया गया।

इस सर्वे के दौरान आशा कार्यकर्त्ता द्वारा उनके पोषक क्षेत्र आने वाले परिवारों का सर्वे किया जाना है। जिसमें उनके द्वारा परिवार के मुखिया, कुल सदस्यों की संख्या, योग्य दम्पतियों की संख्या, गर्भवती माताओं की संख्या, 0 से 1 माह, 1 माह से 1 वर्ष, 1 वर्ष से 2 वर्ष एवं 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों की संख्या एकत्रित की जानी है। वहीं गर्भवती माताओं एवं बच्चों की विस्तृत विवरणी भी अलग से संकलित की जानी है।

नियमित टीकाकरण सत्रों के दौरान किया जाना है अद्यतन-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने सर्वे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा समुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में संलग्न आशा कार्यकर्त्ता द्वारा सर्वे करते हुए एकत्रित किये गये आंकड़ों को उपकेन्द्रों के आधार पर एएनएम वार संकलित किया जाएगा।

वहीं प्रखंड स्तर पर इसका संकलन करते हुए प्रथम खुराक से छूटे बच्चे एवं द्वितीय खुराक से छूटे बच्चों की संख्या संकलित की जाएगी। जिससे उपकेन्द्र पर एएनएम वार प्रथम एवं दूसरे खुराक से छूटे बच्चों की सही संख्या का पता चल पायेगा। उन्होंने बताया सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के आलोक में इस सर्वे के दौरान गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले उन सत्रों का अनुश्रवण किया जाना है जहां आशा या अन्य द्वारा उत्प्रेरण का कार्य संतोषजनक नहीं किया जा रहा है।

खसरा उन्मूलन 2023 के लक्ष्य को प्राप्त करना है मुख्य उद्देश्य-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया 6 जून से आरंभ कर 11 जून के बीच सभी नियमित टीकाकरण सत्र स्थलों पर सर्वे को शत प्रतिशत अद्यतन किया जाना एवं सर्वे पश्चात सत्र/प्रखंड एवं जिला वार आंकड़ों का संकलन किया जाएगा। जिससे यह पता चल पाएगा कि सर्वे का कार्य किया गया है या नहीं।

उन्होंने बताया सर्वे के बाद आंकड़ों के संकलन में दो अलग से कॉलम जोड़े गये हैं जिसमें प्रथम एवं दूसरे खुराक से छूटे बच्चों की संख्या को भरा जाना है, ताकि छूटे हुए बच्चों को टीका देकर खसरा उन्मूलन 2023 के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। इसके लिए नियमित टीकाकरण सत्र के सर्वे रजिस्टर 2022 का वितरण कर दिया जाएगा। इस सर्वे में आशा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा पोषक क्षेत्र के सभी परिवारों के पास जाकर आंकड़ों से संबंधित जानकारी एकत्रित किये जाने का कार्य किया जाना है।

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