गाज़ियाबाद : तीन साल पूर्व हुई अज्ञात मजदूर की हत्या का पुलिस ने खुलासा हत्यारोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि दूसरा आरोपी जेल में बंद है। पुलिस ने इतने कम समय में जहां एक आरोपी को फिर से सलाखों के पीछे भेजने का काम किया, बल्कि मृतक मजदूर की भी पहचान की पुष्टि की। कंस्ट्रक्शन कंपनी से लाखों रुपए ऐठने के लिए दो मजदूरों ने अपने ही साथी मजदूर की लोहे की रॉड से पहले पीटकर हत्या कर दी, फिर हत्या को हादसा दिखाने के लिए 25वीं मंजिल से लाश को नीचे फेंक दिया। इसके बाद एक मजदूर ने मृतक को अपना भाई बताकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। आरोपी मजदूरों ने जिस मजदूर को मृतक बताया था, असलियत में वह जिंदा था। जबकि मरने वाला मजदूर कोई और था।
21 फरवरी 2020 का मामला
21 फरवरी 2020 को विजयनगर थाना क्षेत्र स्थित प्रतीक ग्रैंड सिटी प्रोजेक्ट पर एक मजदूर की मौत हुई थी। उसका शव निर्माणाधीन टॉवर के नीचे पड़ा मिला था। शुरुआती जांच में मजदूरों ने बताया कि वह काम करते वक्त 25वीं मंजिल से गिर गया था। पुलिस ने जब घटनास्थल की जांच की तो 25वीं मंजिल पर एक खून से सना पाइप पड़ा हुआ मिला। जिसके बाद पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए दोनों मजदूरों को जेल भेज दिया था।
मुआवजा लेना चाहता कुन्नूलाल
उस वक्त कंस्ट्रक्शन साइट पर कुन्नूलाल और ओमप्रकाश ही मौजूद थे। कुन्नूलाल ने मृतक की पहचान अपने भाई सर्वेश के रूप में की थी। पुलिस की सख्ती के बाद दोनों ने बताया कि वह इसे हादसा दिखाकर कंस्ट्रक्शन कंपनी से मुआवजा लेना चाहता था, इसलिए भाई को मार डाला। कुन्नूलाल जेल में बंद है, जबकि ओमप्रकाश जमानत पर छूट आया था।
जिस सर्वेश की हत्या में काट रहा था सजा, वह जिन्दा मिला
हत्या की घटना का खुलासा करते हुए गुरुवार को अपने कार्यालय में एसीसी नगर कोतवाली सुजीत राय ने बताया कि करीब 6 माह पहले जेल में बंद कुन्नूलाल ने अदालत को एक पत्र भेजा और बताया कि जिस सर्वेश की हत्या में वह जेल में है, वो सर्वेश तो जिंदा है। कोर्ट ने इस पत्र की सच्चाई जानने के लिए पुलिस को दोबारा जांच करने के लिए कहा। पुलिस जांच के लिए मृतक सर्वेश के गांव लखीमपुर खीरी जनपद स्थित चंपापुर में पहुंची। जहां पर पुलिस को सर्वेश जिंदा मिला। पुलिस ने सर्वेश, कुन्नूलाल और उनकी मां की डीएनए जांच कराई, जो मैच हो गई। इससे साफ हो गया कि सर्वेश जिंदा है, लेकिन मरने वाला कौन है, इसकी जांच के लिए केस को फिर से खोला गया। जिसके बाद जमानत पर चल रहे ओमप्रकाश को फिर से हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
मोबाइल में मिला मृतक का फोटो
पुलिस पूछताछ में आरोपी ओमप्रकाश ने बताया कि जिस मजदूर की हत्या की गई थी, उसका मोबाइल उसने कहीं छिपाया हुआ है। ओमप्रकाश ने मृतक मजदूर का मोबाइल पुलिस को बरामद करा दिया। इस मोबाइल से पुलिस को मृतक का फोटो मिली। जिसके बाद कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद सभी नंबरों पर पुलिस ने फोन किया।
मृतक मजदूर की पहचान बबलू के रूप में हुई
इस दौरान पुलिस का संपर्क मृतक की सास से हो गया, तब जाकर मृतक मजदूर की पहचान बबलू के रूप में हुई। बबलू भी लखीमपुर खीरी जिला फरधान थाना क्षेत्र स्थित पिपरावां गांव का निवासी था। पुलिस ने बबलू की पत्नी से संपर्क किया। पता चला कि वो कई साल से लापता है। तब पुलिस ने बबलू की पत्नी को गाजियाबाद बुलवाया। मृतक के शव से एक शॉल बरामद हुआ था। पुलिस ने इसकी पहचान कराई। बबलू की पत्नी ने इस शॉल को पहचान लिया। उसने बताया कि जब बबलू नौकरी करने गाजियाबाद आए थे, तब वो ये मुझसे लेकर आए थे। जांच में यह भी पता चला है कि बबलू की पत्नी सर्वेश को भैया कहती थी।
मृतक की मौजूदगी में रहा था शव का अंतिम संस्कार
एसीपी ने बताया कुन्नूलाल पेशेवर कातिल है। आरोपी ने बबलू को सर्वेश बनाकर कंस्ट्रक्शन साइट पर नौकरी लगवाई थी। फिर उसी को मार दिया और हादसा दिखाकर कंपनी से लाखों रुपए का मुआवजा लेने की फिराक में था। मगर उससे पहले ही पुलिस ने हत्या का खुलासा कर उसे जेल भेज दिया। आरोपी ने पहले भी ऐसा ही एक और हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। वो एक मृतक के शव को अपना भाई बताकर उसका अंतिम संस्कार करने लखीमपुर खीरी जिले में गांव के बाहर तक ले गया था। वहां अचानक कुन्नूलाल का भाई पहुंच गया और सारा खुलासा होने पर वह शव छोड़कर भाग निकला था। जिसकी पुलिस अलग से जांच कर रही है। दोनों के खिलाफ सर्वेश का फर्जी आईडी बनवाने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।