उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा व्यवस्था पर बराबर नजर बनाए हुए हैं। शुक्रवार को दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से उन्होंने वर्चुअल माध्यम से अधिकारियों के साथ बैठक में व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने दो टूक निर्देश दिए कि शासन के उच्चाधिकारी और पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी यात्रा के बेहतर संचालन के लिए निरंतर फील्ड में रहें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा व्यवस्था पर बराबर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि श्रद्धालु बिना पंजीकरण के धामों में पहुंचते हैं तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। सभी विभाग आपसी समन्वय से यात्रा के सुगम संचालन के लिए अपनी जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा से निर्वहन करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर सीधे कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ नागरिकों को दी जाए प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की निरंतर मॉनिटरिंग के लिए अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि धामों में सभी श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए समान समय मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही पंजीकरण एवं दर्शन व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने ऋषिकेश, हरिद्वार समेत अन्य ठहराव वाले स्थलों से केदारनाथ, बदरीनाथ जा रहे वाहनों को अलग-अलग समय में छोड़ने को कहा। यह भी निर्देश दिए कि आवश्यकता पड़ने पर बीकेटीसी से समन्वय कर धामों में दर्शन की समयावधि भी बढ़ाई जाए। आगामी मानसून सीजन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान वर्षा काल में होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए समय रहते सभी तैयारियां पूर्ण की जाएं। उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए तय किए गए ठहराव वाले स्थलों पर नियमित सफाई, पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, आवश्यकतानुसार पुलिस बल की तैनाती करने संबंधी निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा का संचालन हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और श्रद्धालुओं की सेवा करना हमारा कर्तव्य है। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।