नगर निगम देहरादून, ऋषिकेश और नगर पालिका मसूरी क्षेत्र में भी मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मतदाताओं के नाम हटाने या नए मतदाता शामिल न किए जाने के आरोप लगने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को मतदाता सूची पुनरीक्षण के आदेश दिए थे।

निकाय चुनाव से पहले मतदाता सूची पर उठे सवालों के बीच अब मतदाता बढ़ने की खबरें आ रही हैं। राज्य निर्वाचन आयोग को अभी तक जिन जिलों की रिपोर्ट मिली है, उनमें पांच से सात प्रतिशत तक मतदाता बढ़ गए हैं। देहरादून जिले के देहरादून, मसूरी और ऋषिकेश में भी करीब पांच फीसदी की बढ़ोतरी शामिल है।निकाय चुनाव की मतदाता सूची जारी होने के बाद विभिन्न निकायों में इस पर सवाल उठे थे। इसमें मतदाताओं के नाम हटाने या नए मतदाता शामिल न किए जाने के आरोप लगने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को मतदाता सूची पुनरीक्षण के आदेश दिए थे। इसके लिए पहले 15 दिन का समय दिया गया था। जिसकी अवधि बाद में कुछ दिन और बढ़ाते हुए आयोग ने रिपोर्ट मांगी थी। देहरादून समेत कुछ जिलों की रिपोर्ट आयोग को मिली है। जिसमें निकायों में मतदाताओं की संख्या में पांच से सात फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देहरादून के नगर निगम देहरादून, ऋषिकेश और नगर पालिका मसूरी क्षेत्र में भी मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि निर्वाचन आयोग ने देहरादून जिले की रिपोर्ट कुछ कमियों की वजह से फिलहाल लौटा दी है। आयोग के उपायुक्त प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि सभी जिलों से रिपोर्ट आ रही है। उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है। इसकी एक बड़ी वजह ये भी मानी जा सकती है कि मतदाताओं को लोकसभा-विधानसभा की मतदाता सूची में नाम होने पर संतुष्टि होती है। कई मतदाताओं को ये जानकारी नहीं होती कि नगर निकाय चुनाव की मतदाता सूची अलग से बनती है। निकाय चुनाव से पहले सरकार को निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का फैसला लेना है। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने निकायों में ओबीसी आरक्षण की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इसके तहत कई निकायों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण मिलेगा तो कहीं पांच प्रतिशत तक भी आ जाएगा। अभी तक निकायों में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का नियम रहा है। इसमें बदलाव के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा।

 

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